Global Currency Reset Kya Hai ? मेरा नाम सौरभ है और आज मैं आपके लिए लेकर आया हूँ एक ऐसी जानकारी जिसे कोई सरकार अपने मुँह से कहने नहीं जा रही मगर ख़ुफ़िया तौर पर जो छन कर खबरें मिल रही हैं वो आपके होश उदा देंगी।
Global Currency Reset Kya Hai ?

क्या आप जानते हैं मुद्रा क्या होती है ?? जाहिर है जैसे कि डॉलर, येन, यूरो, रूबल और रुपया इत्यादि। लेकिन ये सभी मुद्राएं काल्पनिक हैं, इनका खुद में कोई वजूद ही नहीं है अगर गौर से देखा जाये। मान लीजिये आपके पास 2000 रुपये का एक नोट है जिसकी खुद में कोई वैल्यू नहीं है, वो सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा भर है मगर ये बात आपके मन में डाली गई है और आप विश्वास करते हैं कि उसकी वैल्यू 2000 ही है इसलिए वो 2000 रूपए का नोट है।
अब मान लीजिये अचानक से कुछ ऐसा हो जाये कि लोग इस कागज़ के टुकड़े को मुद्रा मानना ही बंद कर दें तब ?? और उस दौरान आपने अपनी तिजोरी में ऐसे 1000 नोट जमा करके रखे हुए तब ??
Global Currency Reset
लगा ना 440 वोल्ट का झटका, यानि कि एक चुटकी में आपके 20 लाख रुपये कागज़ के टुकड़ों में तब्दील हो गए और ऐसा होने भी जा रहा है। जी हाँ हाल ही में अमेरिका और यूरोप के अग्रणी देशों ने एक ख़ुफ़िया मीटिंग की है यूरोप के किसी देश में और कुछ ऐसी जानकारी निकल कर आ रही हैं कि ऐसा करने के पीछे सिर्फ एक वजह है, वो है ‘Global Currency Reset‘
दोस्तों यहाँ Currency Reset से मतलब ये है कि जैसे आज अमेरिकी डॉलर एक Global Currency है, बाकि सभी देशों की करेंसी की वैल्यू डॉलर में ही निर्धारित की जाती है। लेकिन जैसा कि मैं अपने पिछले कुछ आर्टिकल्स में पहले ही लिख चुका हूँ कि डॉलर अपनी 99% वैल्यू खो चूका है और अब वो वक़्त ज़्यादा दूर नहीं है जब अमेरिकी लोग डॉलर को करेंसी मानने से इंकार कर देंगे। उनके लिए डॉलर सिर्फ एक टॉयलेट पेपर से ज़्यादा कुछ नहीं होगा। जैसे कि मैंने ऊपर की पंक्तियों में लिखा है कि मुद्रा सिर्फ एक विश्वास है, ये एक भावात्मक पहलु है, अर्थव्यवस्था विश्वास पर खड़ी होती है और भरोसे पर चलती है। एक ज़रा सा नकारात्मक सन्देश पूरी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देता है। आज के परिपेक्ष में देखा जाये तो ये बिलकुल आदर्श स्थिति है दुनिया की अर्थव्यवस्था के तबाह हो जाने के।
Global Currency Reset के प्रभाव
निश्चित तौर पर ये तबाही सबसे पहले अमेरिका से शुरू होगी, धीरे-धीरे बाकि दुनिया भी इसकी चपेट में आनी शुरू होगी। एक आकलन के अनुसार जो प्रभाव महसूस किये जायेंगे वो निम्नलिखित हैं:
1 – पेट्रोलियम की कमी –
सबसे पहला प्रभाव जो इस रिसेट का पड़ेगा वो होगा पेट्रोलियम पदार्थो की भयानक कमी के रूप में। पेट्रोलियम पूरी तरह से देश की करेंसी की वैल्यू पर निर्भर करते हैं, एक बार करेंसी धराशाही होने पर पेट्रोलियम की भीषण कमी होगी, दबी जुबान में लोगों को ये सन्देश जाने शुरू भी हो गए हैं कि पेट्रोलियम को स्टोर करना अभी से शुरू कर दें ताकि पलायन की स्थिति में भागने के लिए आपके पास मतलब भर का ईंधन मौजूद हो।
2 – खाद्य सामग्री की कमी –
पेट्रोलियम पदार्थो के ना मिलने की स्थिति में आवागमन ख़त्म हो जायेगा जिससे ज़रूरी चीज़ों जिनमे खाद्य पदार्थ सर्वोपरि हैं उनकी भयंकर कमी हो जाएगी। शहरों में हालत और भी बुरे होंगे क्योंकि उनके पास खाद्य सामग्री ग्रामीण इलाकों से पहुँच ही नहीं पायेगी।
3 – गन्दगी और बीमारियां –
पेट्रोलियम के ना होने की स्थिति का सबसे ज़्यादा प्रभाव साफ़ सफाई पर पड़ेगा। औसतन एक अमेरिकी एक दिन में 2 – 3 किलोग्राम कूड़े के लिए जिम्मेदार है जो कि दुनिया में सबसे ज़्यादा है। इस कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था चौपट हो जाएगी जिससे शहरों में गन्दगी का अम्बार हो जायेगा और संक्रामक बीमारियां फैलेंगी।
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4 – अस्पतालों में भीड़ –
जब शहरों में गन्दगी होगी तो संक्रामक बीमारियां तेजी से फैलेंगी जिससे अधिक संख्या में लोग बीमार होंगे। ये अचनाक से बढ़ने वाली भीड़ अस्पतालों की कमर तोड़ देगी और मेडिकल फैसिलिटी भी जमीदोज होना शुरू हो जाएँगी।
5 – पालतू पशुओं पर असर –
जैसे जैसे ये स्थिति गंभीर होगी सबसे पहले लोगों के पालतू जानवर गायब होना शुरू हो जायेंगे और ऐसा होगा खाद्य सामग्री के अभाव के कारण। भूखे लोग सबसे पहले इन निरीह जानवरों पर टूटेंगे।
हो सकता है आपको ये कोई हॉलीवुड फिल्म की कहानी लग रही हो, मगर ये सिर्फ कोरी कहानी भर नहीं है। दुनिया के जितने भी अमीर लोग हैं आज के वक़्त अपना सारा धन सोने या चाँदी के रूप में बदल भी चुके हैं और ये कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं हो सकता।
ये दुनिया के अमीर लोग ही नियम बनाते हैं जिनपर पूरी दुनिया को चलना पड़ता है। इस दफा पूरा खेल ही बदला जाने वाला है। 90% गुंजाईश ये है कि Bitcoin, डॉलर की जगह ले ले मग़र ऐसा होने पर गरीब लोग तबाह हो जायेंगे क्योंकि आज के समय में 1 बिटकॉइन की कीमत 9223 डॉलर्स के बराबर है यानि कि 696000 रुपये के बराबर।
इस आर्थिक तबाही से बचने का रास्ता
मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि इस तबाही से बच तो नहीं पाएंगे क्योंकि हम सभी एक दुसरे से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं। हम इंसान एक दूसरे की ज़रूरतें पूरी करते हैं, जब ये तबाही शुरू होगी तो सिर्फ वो इंसान ही लड़ पायेगा जो तैयार होगा।
जिसने इस तूफ़ान से निपटने की पूरी तैयारी कर रखी होगी वरना डगर बड़ी मुश्किल है। हालाँकि आधा समय बीत भी चुका है मगर अभी भी समय है। थोड़ा बहुत तो अभी भी किया जा सकता है और वो है अपने पैसे को ‘भगवान के पैसे’ में बदलना। जी हाँ भगवान् का पैसा, वो पैसा जिसे भगवान् ने बनाया। Robert Kiyosaki अपनी पुस्तक Fake में लिखते हैं कि सोना और चांदी भगवान् के बनाये हुए पैसे हैं, जिन्हे वो Gods’ Money बोलते हैं।

उनके मुताबिक सोना और चांदी इस धरती पर तबसे है जब ये धरती बनी थी और आगे भी तब तक रहेंगे जब ये धरती ख़त्म हो जाएगी। हमारी इंसानी सभ्यताओं में भी ये दोनों धातुएं पिछले 5000 सालों से बहुमूल्य रही हैं। इसलिए आज के समय में मैं आपको बस यही राय दूंगा कि अपनी दौलत को सोने ओर चांदी में बदलने का यही वक़्त है। अगली जो भी करेंसी आएगी वो इन धातुओं के पैमाने पर ही बनाई जाएगी, जिसके कारण आपका पैसा सुरक्षित रहेगा और आप भी।
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जुड़े रहिये हमसे आगे की जानकारी के लिए, आशा करता हूँ कि ये Global Currency Reset Kya Hai ? पोस्ट आपको अंदर से हिला चुका होगा।
सादर नमस्कार!
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